Toolika Pankaj

जब भी विश्व में प्रेरणा के स्त्रोत की बात होती तो मात्र धनवान लोगों  की कहानी को ही महत्व दिया जाता है। लेकिन आज मोटिवेशनल स्टोरीज इन हिंदी (Hindi Motivational Story) आपके लिए  ऐसी शख्सियत ( Toolika Pankaj ) की कहानी लेकर आया है जो कि ना तो एलोन मस्क और मुकेश अंबानी की भांति अत्यधिक अमीर हैँ और ना ही कोई मशहूर राजनेता या अभिनेता हैं।

हम बात कर रहे है नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (NABARD) की भूतपूर्व चीफ जनरल मैनेजर आदरणीय श्रीमती तुलिका पंकज Toolika Pankaj जी के विषय में। आप में से बहुत से लोगों ने उनका नाम शायद ही पहले कभी सुना या पढ़ा हो।

तो फिर उनमें ऐसी क्या बात है जो उनकी कहानी को शानदार मोटिवेशनल स्टोरीज इन हिंदी (Hindi Motivational Story) की सूची में लाकर खड़ा करती  है? आप में से बहुत से लोग अवश्य यही सोच रहे होंगे।

आपकी जिज्ञासा शांत करने के लिए हम इस प्रश्न का उत्तर अवश्य देंगे। ऐसा इसलिए क्यूंकि एक प्रेरणा स्त्रोत बनने के लिए अत्यधिक अमीर या मशहूर होना आवश्यक नहीं होता है। इस बात को आदरणीय श्रीमती तुलिका पंकज Toolika Pankaj जी ने जीवन के प्रति अपने बेमिसाल नज़रिये से सिद्ध कर दिखाया है।

इसलिए यदि इस महान शख्सियत को प्रत्येक उम्र के लोगों के लिए एक प्रेरणा का एक सच्चा स्त्रोत मान लिया जाये तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होंगी।

तो आइये आज ईश्वर की असीम कृपा से शब्दों को माध्यम बनाकर हम ऐसी महान शख्सियत के जीवन और जीवन के प्रति उनके अद्धभुत नज़रिये को जानने का प्रयास करें।

तुलिका Toolika Pankaj जी की कुछ विशेषताएं।  

उच्च स्तरीय शिक्षा से लेकर शानदार कामयाबियों से भरा हुआ करियर उन्हें विशेष बनाते है। परन्तु कुछ ऐसा भी है उन्हें विशेष से अति विशेष बनाता है! हम बात कर रहे हैं नौजवानो और ज़माने के साथ कान्धे से कान्धा मिलाकर चलने की ज़बरदस्त  इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास भरा हुआ व्यक्तित्व।

यदि सत्य कहा जाए तो आत्माविश्वास उनके व्यक्तित्व की एक ऐसी विशेषता है जिसके विषय में आपको सबसे पहले जानना और पढ़ना चाहिए।

गज़ब का आत्मावुश्वास:

अधिकतर लोग नौकरी से सेवानिवृत्त होने के बाद घर बैठ जाते हैँ और अपने बच्चों से सेवा की उम्मीद करते हैँ। ऐसा इसलिए कि उन्हें लगता है कि जीवन में जो कुछ भी आवश्यक था वह सब कुछ उन्होंने कर लिया है। अपने माता और पिता की सेवा की है। अपने परिवार को संभाला है. यहाँ तक की अपने बच्चों को पाला है और उनकी ख्वाहिशे पूरी करने के साथ-2 उनको पढ़ा लिखकर काबिल मनुष्य भी बनाया हैँ तो इन सब बातो के कारण उनका जीवन की की रात्रि के दौरान अपने बच्चों से थोड़ी सी सेवा करवाने का अधिकार बनता है।

यदि मानवता की कसौटी पर परखा जाए तो यह बात पूर्णतया सत्य और उचित भी है। ऐसे में यदि आपके माता और पिता आपसे कुछ सेवा करवाएं या फिर सेवा की अभिलाषा रखें तो यह उनका वास्तव में अधिकार है। ऐसा इसलिए क्यूंकि आपको काबिल और कामयाब बनाने के लिए उन्होंने सम्पूर्ण जीवन कठिन तपस्या की है। इसलिए हिन्दी मोटिवेशन स्टोरीज (Hindi Motivation Stories) आपसे यह विनम्र निवेदन करता है की आप अपने माता और पिता की सेवा अवश्य करें। 

अब मुद्दे पर वापिस आते हैँ। तुलिका पंकज जी सबसे अलग व्यक्तित्व की स्वामिनी हैँ। ऐसा इसलिए क्यूंकि जीवन की इस मोड़ पर आकर भी वह इच्छाओ, सपनो और आत्माविश्वास से भरपूर जीवन जीने का फैसला किया है । 

वह अपने जीवन प्रत्येक पल को भरपूर आनंद और आत्मविश्वास के साथ जीना पसंद करती हैँ।

मैं ऐसा मात्र कह नहीं रहा हूं। यह बात उनके और मेरे बीच लिंकडिन (LinkedIn) पर हुए व्यक्तिगत संवाद से सिद्ध भी होती है। बातचीत का स्क्रीनशॉट सबूत के तौर पर नीचे प्रस्तुत किया गया है।

LinkedIn conversation Toolika Pankaj

जीवन के प्रति उनका गज़ब का उत्साह उन्हें सत्य मैं बहुत लोगों के एक प्रेरणा का महान स्त्रोत बनता है।

यदि आपको अभी भी कोई प्रमाण चाहिए तो फिर इसलिख को पढ़ना जारी रखिये और तुलिका पंकज जी के विद्यार्थी जीवन और भिन्न भिन्न क्षेत्रों मैं उपलब्धधियों से भरपूर करियर और रूचियों के विषय मैं अवश्य जानिये।

विद्यार्थी जीवन की उपलब्धियां:

सबसे पहले उनकी स्कूली शिक्षा के बारे में जानते हैं।

उच्च स्कूली शिक्षा:

तुलिका जी अपनी उच्च स्कूली शिक्षा माउंट कैरामेल स्कूल, पटना, बिहार से प्राप्त की है।

ग्रेजुएशन:

उन्होंने उच्च स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद 1977 में उच्च स्तरीय शिक्षा हासिल करने के लिए रांची विश्वविद्यालय में दाखिला लिया और 1979 आते-2 हुंम्मानिटीज/ हुंम्मानिटीज स्टडीज (Humanities/Humanities Studies) के क्षेत्र में प्रथम डिवीज़न में अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की।

इस दौरान मनोविज्ञान, दर्शनशास्त्र, हिन्दी और अंग्रेजी उनके कुछ प्रमुख विषय थे। ग्रेजुएशन के दौरान ही उन्हें दौरान उनको हिन्दी भाषा से विशेष प्रेम और लगाव का अनुभव हुआ। इसलिए उन्होंने अपने हिन्दी पढ़ने और लिखने की कला में विशेष सुधार भी किया।

पोस्ट ग्रेजुएशन:

तुलिका पंकज जी ने 1979 से 1981 के बीच रांची विश्वविद्यालय से ही इतिहास के क्षेत्र में अंतराष्ट्रीय रिश्तों और हुंम्मानिटीज/हुंम्मानिटीज स्टडीज (International Relationships and Humanities/Humanities Studies) के क्षेत्र में प्रथम डिवीज़न (द्वितीय डिवीज़न पूरी यूनिवर्सिटी में) हासिल करके पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की।

इस दौरान उन्हें अंग्रेजी भाषा से विशेष लगाव हो गया। इसलिए उन्होंने अपनी अंग्रेजी पढ़ने कर लिखने की कला में भी विशेष सुधार किया।

एचआर मैनेजमेंट:

हारवर्ड विश्वविद्यालय से एचआर मैनेजमेंट की ओढ़ाई भी तुलिका पंकज जी के विद्यार्थी जीवन की विशेष सफलताओं में से एक है।

कंटेंट राइटिंग सर्टिफिकेशन:

वह एक भारत सरकार द्वारा प्रशिक्षित और मान्यता प्राप्त कंटेंट राइटर भी है।

उन्होंने नौकरी से सेवानिवृत्त होने के बाद इसीटी (ECT) के कंटेंट राइटिंग कोर्स में दाखिला लिया। ऐसा इसलिए क्यूंकि उन्हें लेखन कला में काफी रुचि थी।

एजुकेशन एंड करियर टाइम्स (इसीटी) भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान है।

तुलिका जी का प्रोफेशनल करियर:

तुलिका जी ने अपने जीवन के 30 वर्ष नाबार्ड (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट) को चीफ जनरल मैनेजर के रूप में समर्पित किए हैं! नाबार्ड भारत सरकार का एक डीएफआई (डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशन) है! 

नाबार्ड ने उन्हें समय समां पैर विभिन प्रकार के कंटेंट राइटिंग के टास्क देकर उन्हें उनके लेखन के जूनून से जोड़े रख। विभाग के लिए वह पेपर लेखन और दस्तावेज़ लेखन जैसे महत्वपूर्ण कार्य भजि किया करती थ।  इसी कारण वह लगातार अपने लेखन के जूनून से जुडी रह पायी। 

नाबार्ड में अपने 30 वर्ष के लम्बे कार्याकाल के दौरान चीफ जनरल मैनेजर के पद पर रहते हुए ग्रामीण औरतों, ग्रामीण बेरोज़गार युवाओं और छोटे पिछड़े हुए किसानो के लिए सराहनिए कार्य किय। 

उन्होंने अपने जीवन के सम्पूर्ण अनुभव का उपयोग उन्हें आगे बढ़ने में मदद करने और उनके जीवन के स्तर में सुधर लाने के लिए किय।  सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण बात यह है की इस कार्य को करने के लिए उन्होंने स्वयं सहायता समूहों, सूक्ष्म उद्यम विकास कार्यक्रम और किसान उत्पादक संगठनो की क्षमता का भरपूर उपयोग किय। 

नाबार्ड ने उन्हें ग्रामीण भारत विकास परियोजनाओं कार्यान्वयन की योजना बनाने वकालत करने और रिपोर्ट बनाने की ज़िम्मेदारी सौंपी। 

उन्होंने इन सभी ज़िम्मेदारियों को एक अवसर माना और विभाग द्वारा दी जाने वाली सभी ज़िम्मेदारियों का प्रयोग एक अवसर की भांति अपने सामग्री लेखन (कंटेंट राइटिंग) कौशल में सुधार और वृद्धि करने के लिए किया।

तुलिका जी ने कुशलता पूर्वक एक कमेटी का नेतृत्व किया जिसका कार्य था प्रिवेंशन ऑफ़ सेक्सुअल हर्रास्मेंट अगेंस्ट वूमैन एट देयर वर्कप्लेसेस (Committee For The Prevention Of Sexual Harassment Against Women At Their Workplaces). मेरी राय में इसका सम्पूर्ण श्रेय जाता है उनके जीवन जीने के ढंग और जिस प्रकार वह सबके जीवन के महत्व को समझती  हैं।

इस दौरान उन्होंने औरतों को परामर्श दिया और उनका मार्गदर्शन किया जिससे वह अपने वर्कप्लेसेस (कार्यस्थलों) पर सुरक्षित रहें।

कौशल और शौक :

अब आप विचार कर रहे होंगे की उन्हें क्या बात एक विशेष और जुनून से भरपूर सामग्री लेखक (कंटेंट राइटर) बनती है| यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है परन्तु सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न कदापि नहीं है।

ऐसा क्या है जो तूलिका पंकज जी को प्रेरणा का एक ऐसा स्त्रोत बनाता है जिनके विषय में सभी को पढ़ना और जानना चाहिए। हम तो यह कहेंगे की वह एक ऐसी शख्सियत हैं जिनके व्यक्तित्व, जोश और आत्मविश्वास का अनुसरण हम सभी को जीवन के प्रत्येक पड़ाव पर अवश्य करना चाहिए।

इसीलिए आपको उनके शौक और विशेष गुणों के बारे में अवश्य पढ़ना चाहिए। उनके शौक और विशेष गुणों की सूची निम्नलिखित है।

  • तुलिका जी कई प्रकार की कंटेंट राइटिंग में दक्ष हैँ। उन्हें कॉपीराइटिंग, पेपर राइटिंग, डॉक्यूमेंट बनाने की कला के साथ-2 टेक्निकल कंटेंट राइटिंग, फिक्शन राइटिंग,
  • और एकेडमिक कंटेंट राइटिंग में भी दक्षता प्राप्त है।
  • प्रोफेशनल बायोस और एसओपी लिखने के अलावा उन्हें ऑनलाइन और ऑफलाइन कोर्स डिज़ाइन करना और सम्बन्धित कंटेंट लिखने में भी महारात हासिल है।
  • मैनेजमेंट से सम्बन्धित ऐसे प्रोग्राम डिज़ाइन करना और उनका आयोजन करना भी तुलिका जी की विशेषताओं में शामिल है। वह मैनेजमेंट से सम्बन्ध में ऐसे प्रोग्राम और वर्कशॉप डिज़ाइन और आयोजित करती हैँ जिनसे महिला सशक्तिकरण को बल मिले और महिलाओं को उनके महत्व का ज्ञान और आभास हो।
  • संस्थाओं की प्रशिक्षण व्यवस्था के लिए एकेडमिक सपोर्ट प्रदान करना भी तुलिका जी की विशेषताओं में से एक है। 
  • वेबसाइट डेवलपमेंट की कला भी आती हैँ उन्हे।
  • नवीन पुस्तके पढ़ने, लेखन, कविता सुनाने के अलावा वह नैतिक, ऐतिहासिक और पौरानिक धार्मिक कथाएं सुनाने का भी बहुत शौक रखती है तुलिका जी।
  • नवीन भाषाएँ सीखने में तो उनकी विशेष रूचि रही है सदा से।
  • वह गिटार बजाने और शब्दों और संख्याओं से सम्बन्धित पहेलियाँ हल करना भी उनकी विशेष रुचियों की सूची का महत्वपूर्ण भाग है।

यही जुनून, आत्मविश्वास, जीवन के प्रति दृष्टिकोण आदि कुछ ऐसी विशेषताएं हैँ जो तुलिका जी को दूसरों से भिन्न बनाती है। इसलिए यह कहना एकदम उचित होगा की यह सब विशेषताएं तुलिका पंकज जी को और उनकी कहानी को सबसे बढ़िया हिन्दी मोटिवेशनल स्टोरीज में से एक बनाती है।

तुलिका जी का माना है जीवन के प्रत्येक पल का भरपूर आनंद लेना चाहिए क्यूंकि नौकरी से सेवानिवृत्त होने का अर्थ जीवन की समाप्ति नहीं है। अपितु यह तो एक ऐसा अवसर है जिसका हमें भरपूर आनंद लेना चाहिए और अपने सभी सपने पूरे करने चाहिए।

हिन्दी मोटिवेशनल स्टोरी ( Hindi Motivational Story) की सम्पूर्ण टीम उनके इस अद्धभुत जज़्बे को कोटि-कोटि प्रणाम करती है।

आप सबको आदरणीय श्रीमती तुलिका जी की प्रेणादायक कहानी पढ़कर और उनके अद्धभुत व्यक्तित्व, करियर और प्राप्तियों के विषय में जानकर कैसा लगा? कृपया अपने बहुमूल्य विचार नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में व्यक्त करें। हिन्दी मोटिवेशनल स्टोरी (Hindi Motivational Story) की टीम को आपके बहुमूल्य विचार जानकर भविष्य में और भी बढ़िया प्रेरणादायक कहानियाँ आपकी सेवा में प्रस्तुत करने की प्रेरणा मिलेगी। 

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *