Sambhog Ki Lat

Hindi motivational story मैं आप को जिस कहानी ( Sambhog Ki Lat ) के बारे मैं बताने जा रहे हैं उसे शायद आप को पढ़ने के बाद अजीब लगे पर है वो एक समाज की अनदेखी अनसुनी सचाई। 

सुसेन के बारे में 

दरअसल ये कहानी है इंग्लैंड मैं रहने वाली सुसेन की।  वैसे तो ये एक सीधी सी दिखने वाली लड़की थी, जो रोज़ अपने स्कूल से घर तक सफर अकेले तय करती थी जैसे की और आम बच्चों की तरह। 

समय बिता और वो आगे की पढ़ई के लिए कॉलेज जाने लगी। उसके कॉलेज जाने के रस्ते मैं एक दूकान होती थी। उस दूकान के मालिक का एक बेटा था जिसका नाम टैंनी था। उसने एक दिन सुसेन को वहां से जाते हुए देखा पर सुसेन ने उस बिलकुल भी नहीं देखा और रोज़ की तरह अपने धुन मैं ही चली जा रही थी। 

लेकिन टैंनी उसे अब रोज़ देखने लगा जो पहले कभी दूकान मैं भी नहीं आता था अब रोज़ दुकान मैं आने लगा।  जब टैंनी रोज़ उसी समय सुसेन को देखने के लिए खड़ा रहता पर सूसने ने उसे देखा और पहले की तरह फिर अनदेखा कर दिया।  

टैंनी को सुसेन से प्यार होना 

दूसरी और टैंनी मन ही मन सुसेन को पसंद करने लगा और उससे बात करने की कोशिश मैं लग गया। फिर एक दिन टैंनी सुसेन के करीब जा कर बात करने के लिए पहुंचा पर पीछे से टैंनी के पिता ने उसे आवाज़ लगा कर बुला लिया। 

फिर एक दिन अचानक मौसम ख़राब हो गया और सुसेन सोच ने लगी के अब वो कहाँ जाये। तभी टैंनी उस की तरफ आया और उसे अपनी दुकान मैं रुक जाने के लिया कहा और सुसेन बारिश के चलते उसे मना नहीं कर पायी और वो दोनों साथ मैं दूकान मैं चले गए। 

 बारिश रुकने पर टैंनी ने अपना छाता सुसेन को दे दिया ये कहते हुए की कहीं वापिस से बारिश शुरू हो जाये तो परेशानी नहीं होगी। 

अगले दिन सुसेन उसी समय पर टैंनी की दूकान मैं उसे छाता वापस करने जाती है और फिर इसी तरह उनकी बात चित आगे शुरू हो जाती है। 

सुसेन को टैंनी से प्यार होना

कुछ समय बाद टैंनी सुसेन को अपने प्यार को ज़ाहिर करता है और सुसेन भी उसके प्यार को अपनेते हुए सर हिला देती है। 

अब यह दोनों रोज़ मिलने लगते हैं और एक दिन टैंनी सुसेन को खाने  के लिए बहार ले जाता है और वापसी मैं उने एक सुनसान पर बेहद खूबसूरत जगह दिखती है। 

टैंनी और सुसेन का सम्भोग करना

वह दोनों वहां थोड़ी देर रुक जाते हैं और थोड़ी देर बाद टैंनी उसके काफी करीब आ जाता है। टैंनी सुसेन के इतना करीब आजाता है की दोनों मैं सम्भोग का रिश्ता कायम हो जाता है। अब सुसेन को भी इस मैं आनंद आने लगता है। 

अब टैंनी सुसेन से अये दिन बुला कर सम्भोग यानि सेक्स करता रहता है। दोनों का रिश्ता बोहत गहरा पर नाज़ुक होता है। 

एक दिन किसी बात को ले कर दोनों मैं लड़ाई हो जाती है और फिर दोनों एक दूसरे को मिलना बंद कर देते हैं। इस बीच टैंनी दूसरे शहर चले जाता है लेकिन अब सुसेन को उसी के कॉलेज का लड़का मिलता है जो उसे अपने प्यार के बारे मैं बताता है और सुसेन झट से हाँ कर देती है क्यों के वो भी अब टैंनी को भूलना चाहती है। 

जल्द ही वो लड़का भी उसे अपने जन्मदिन पर बहार ले के जाता है जहाँ वो सुसेन के साथ सम्भोग (sex )करता है। फिर किसी बात पर सुसेन के कॉलेज का दोस्त भी उसे छोड़ देता है। 

सुसेन को सम्भोग की लत लगना ( Sambhog Ki Lat )

अब सुसेन समझ जाती है के यह प्यार के रिश्ते सिर्फ सम्भोग के लिए ही बनाये जाते हैं। अब उसे सम्भोग की लत ( Sambhog Ki Lat ) लग जाती है और देखते ही देखते ये इतनी आगे बढ़ जाती है की उसे भी नहीं पता की वो क्या कर रही है। 

सुसेन से जो भी रिश्ता रखता उसे से सम्भोग कर लेती पर जब उसके साथ कोई रिश्ता न रखता तब वो किसी भी अनजान शख्स के साथ सम्भोग कर लेती। 

अब सुसेन को भी अहसास होने लगा की वो क्या कर रही है।  वो किसी भी शख्स के साथ दिन मैं कितनी भी बार सम्भोग (sex ) करने के लिए तैयार रहती।

डॉक्टर से सम्भोग की लत का इलाज ( Sambhog Ki Lat )

अब जब वो सम्भोग ना करे तो पागलों जैसा वहवहार करने लगती।  जब इतनी अति हो गयी तब सुसेन ने डॉक्टर के पास जाने का फैसला किया। 

डॉक्टर को उसने अपनी सारी परेशानी बताई। तब डॉक्टर ने उस की सारी बातें सुन कर उसे बताया की तुम सेक्स एडिक्शन की बीमारी से झुज रही हो। 

सुसेन हैरान हो गयी तब उस के डॉक्टर ने उसे बताया के हैरान मत हो ये बीमारी किसी को भी हो सकती है फिर चाहे वो पुरष हो या महिला। जैसे की किसी को ड्रग की लत लग जाती है वैसे ही इस बीमरी मैं सेक्स की लत ( Sambhog Ki Lat ) लग जाती है। 

सुसेन ने इस के इलाज के बारे मैं पूछा तो डॉक्टर ने उसे बताया की यह एक दिमागी बीमारी है और उसे दवाई के साथ दिमाग की सेहत के लिए रोज़ उन के पास बात चित और सत्र (counseling session) के लिए आना पढ़ेगा। 

अब सुसेन किसी भी तरहं से इस बीमारी से छुटकारा पाना चाहती थी इस लिए वो रोज़ अपनी डॉक्टर के पास जाती और जायदा तर समय वो डॉक्टर के पास ही बिताती। 

सुसेन का ठीक होना 

धीरे धीरे सुसेन की तबियत मैं सुधर आया और कुछ समय बाद वो बिलकुल ठीक हो गयी। अब वो भी आम लोगों की तरहं जिंदगी जीने लग गयी। 

तो दोस्तों हमे भी नहीं पता होता की कहीं हम भी इस बीमारी से ग्रस्त तो नहीं या हमारा कोई जानने वाला तो इस तरह की बीमारी से ग्रस्त तो नहीं। अगर है तो उसे शीग्र ही डॉक्टर से मिलना चाहिए क्यों की हमारे आस पास ऐसा इंसान कोई न कोई जरूर होता है जिसे पता भी नहीं की वो किसी बीमारी से ग्रस्त है।

By Daljeet Singh

I am expert of digital marketing, having 10 years of experience. Also like to write blogs and story.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *