हिंदी मोटिवेशनल स्टोरी (hindi motivational story) मैं आज हम आप को जिस कहानी के बारे मैं बताने जा रहे हैं वो दरअसल हमारे समाज की एक अजीब ही तस्वीर है | 

दसवीं मैं 92% होने के बावजूद सयकोलोजी (Psychology) को चुनना जब की आप इतने अचे मार्क्स ले कर Mbbs डॉक्टर या फिर इंजीनियर बन सकते हैं | फिर ये सयकोलोजी (Psychology) को ही चुनना एक निडरता सा फैसल है | 

जी हैं दसवीं मैं 92% और फिर सयकोलोजी (Psychology) को चुनना लोगों ने कहा बेवकूफ है जो इस तरहं के विषय मैं पढ़ने जा रही है | जरूर कुछ बात होगी 

या तो पढ़ना हे नहीं चाहती होगी | दिमाग ख़राब है इसका बाद मैं पश्ताऐगी आपने इस फैसले पर | इस ऐसे हे कुछ बातें सुननी पढ़ी थी | 

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इन सब बातों के बावजूद उसने अपनी ईषा को पूरा किया और सयकोलोजी (Psychology) मैं दखल लिया | 

जिस स्कूल मैं उसने सयकोलोजी (Psychology) का परीक्षा दी उस मैं वो अवल आयी | फिर भी जानने वालों ने कहा कोई बढ़ी बात थोड़ी है ये तो बड़ा ही आसान विषय है इस मैं अवल आजाना कोई बड़ी बात नहीं | 

लेकिन उसने जो अबतक हैसल किया था उस की वजह से उसको दिल्ली की परचर्चित विश्व विदयालय(collage ) मैं उसको दाखिला मिल गया | 

उसके बाद उसने सयकोलोजी (Psychology) मैं शोध के लिए IIT मैं दाखिला हो गया | फिर से सब ने बोला “झूठ बोल रही है इसका IIT मैं कहाँ हो सकता है IIT  तो एक टेक्निकल विषय पर ही पढ़ाता है वहां ऐसे विषय (Psychology) पर नहीं पढ़ाया जाता है” | 

वो अभी भी नहीं रुकी और इन सब के बाद UNESCO मैं काम किया एक खास प्रोजेक्ट पर | 

International Young Research Scholar program के लिए चुना गया | 

और अभी वर्तमान मैं WHO और  the United Nation के खास प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं | 

पर ये सब व्यर्थ है क्यूंकि उसने Mbbs डॉक्टर या फिर इंजीनियर जैसे कुछ काम नहीं किया | 

जानना चाहेंगे उस शक्स का नाम ?

मिलिए कीर्ति त्यागी से जिस ने बिना किसी की परवाह किये बिना अपने सयकोलोजी (Psychology) विषय पर न की पढ़ाई को पूरा किया बल्कि उस मैं ऊचाईयां भी हासिल की | 

By Daljeet Singh

I am expert of digital marketing, having 10 years of experience. Also like to write blogs and story.

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